
ग्वालियर. उत्तर प्रदेश के सहारनपुर में मतदाता पहचान पत्र बनाए जाने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। चुनाव आयोग के दो संविदा कर्मचारियों ने ही आयोग के अधिकारियों के लॉगिन व पासवर्ड सहारनपुर के विपुल सैनी और अन्य के साथ शेयर किए थे। इस मामले में मुख्य सरगना के अलावा चार अन्य आरोपियों को मुरैना से गिरफ्तार किया गया है। इस बीच चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाताओं को घबराने की जरूरत नहीं है। सभी के डेटा सुरक्षित हैं।
अम्बाह से लिया हिरासत में
आइडी कार्ड मामले में विपुल सैनी के बाद पुलिस ने आशीष जैन, आदित्य खत्री, हरदा के अरमान मलिक और नितिन को गिरफ्तार कर सहारनपुर में अदालत में पेश किया। मुरैना के अंबाह कस्बे में साइबर कैफे चलाने वाले युवक हरिओम की भी संलिप्तता सामने आई हैं। पुलिस ने अंबाह के कुल चार लोगों को हिरासत में लिया है। बताया जाता है कि ये सभी पैसे कमाने के लालच में इस गोरखधंधे में जुड़े थे।
ऐसे मिला पासवर्ड
आदित्य और नितिन निर्वाचन आयोग के दिल्ली कार्यालय में संविदा कर्मचारी हैं। इन्हीं दोनों ने निर्वाचन आयोग की वेबसाइट के यूजर नेम और पासवर्ड साइबर कैफे चलाने वाले अरमान और आशीष को दिए। इनमें एक डेटा एंट्री ऑपरेटर है। अरमान ने विपुल को वोटर आइडी कार्ड बनाने का काम सौंपा। वोटर कार्ड फर्जीवाड़े की जांच अब यूपी एसटीएफ को सौंपी गई है।
10 हजार फर्जी वोटर आइडी बनाई
चुनाव आयोग की वेबसाइट हैक कर करीब 10 हजार फर्जी वोटर आइडी बनाने के रैकेट का खुलासा होने के बाद राजस्थान में भी एक युवक को गिरफ्तार किया गया था। दीपक मेहता उर्फ टेक्निकल मेहता नामक युवक छबड़ा तहसील के रूपारेल गांव का है। इससे पहले सहारनपुर में विपुल सैनी व दिल्ली में अरमान को गिरफ्तार किया जा चुका है। अरमान मध्य प्रदेश के हरदा का है। सहारनपुर एसएसपी एस चेन्नपा ने बताया, विपुल आयोग की वेबसाइट में उसी पासवर्ड से लॉगइन करता था, जिसका उपयोग अधिकारी करते थे।
मेहता ने सैनी को 12 लाख भेजे
एक ने पूछताछ में बताया कि अरमान से मिले रुपए वह और विपुल बांटा करते थे। अब तक वह विपुल के खाते में 12 लाख रुपए भेज चुका है। मेहता ने छबड़ा कस्बे में ई-मित्र केंद्र खोल रखा है। पुलिस नें गुरुवार दोपहर केंद्र से दीपक को गिरफ्तार कर लिया। उससे पांच घंटे पूछताछ की गई।
Published on:
16 Aug 2021 11:19 am
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